ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है और कैसे करें- Option trading in hindi

Option Trading in Hindi यह एक ऐसा सवाल हैं जो सभी ट्रेडर को एक न एक दिन इससे उलझना पड़ता हैं तो अगर आपके मन में भी ऐसा ही कुछ चल रहा हैं की Option Trading Kya Hai, ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करता हैं, ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं या ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे तो आप बिलकुल सही जगह पे आए हैं।

क्योंकि इस लेख में, हम ऑप्शन ट्रेडिंग के मूलभूत पहलुओं को समझेंगे और जानेंगे कि यह कैसे काम करती है, ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है, Options trading meaning in Hindi, ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रकार और ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में। यह गाइड आपको ऑप्शन ट्रेडिंग को गहराई से समझने में मदद करेगा

Table of Contents

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है – Option Trading in Hindi

Option Trading in Hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

ऑप्शन एक प्रकार का वित्तीय अनुबंध (financial contract) है, जो खरीदार को एक विशेष मूल्य (strike price) पर किसी परिसंपत्ति (asset) को भविष्य में खरीदने या बेचने का अधिकार (लेकिन बाध्यता नहीं) देता है।

यह शेयर बाजार का एक एडवांस्ड सेगमेंट है, जहां ट्रेडर्स अपने रिस्क को मैनेज करने और कम निवेश में बड़ा मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग का इस्तेमाल ट्रेडर्स रिस्क को कम करने के लिए भी करता हैं जैसे Hedge या Options Strategy in Hindi बनाकर. इसे बेहतर समझने के लिए हमने रोहित और केदार का उदाहरण लेते हैं।

मान लीजिये रोहित और केदार एक बचपन का दोस्त हैं. रोहित केदार से 1 एकर जमीन खरीदना चाहता हैं इस जमीन की कीमत अभी 3 लाख रुपया हैं. रोहित को कहीं से पता चला हैं की इस जमीन के पास 3 महीने में एक एअरपोर्ट बनने वाला हैं. जिससे इस जमीन की कीमत काफी बढ़ जाएगी. रोहित इसमें निवेश करके पैसा कमाना चाहता हैं. अब रोहित के पास दो समस्या हैं

  1. पहला अगर वहां पर एअरपोर्ट बनता हैं तो उस जमीं की कीमत 3 लाख से बढकर 5 लाख हो जायेगा और रोहित को फायदा होगा.
  2. दूसरा की अगर यही खबर गलत निकली और एअरपोर्ट नहीं बना तो जमीन की कीमत नहीं बढेगा और रोहित को नुकसान उठाना पड़ सकता हैं

ऐसे में रोहित और केदार एक समझौता(Agreement) करता हैं. रोहित इसके लिए केदार को एक फीस(बयाना ) के तौर पर 50 हजार रुपया देता हैं. यह वह पैसा हैं जो केदार रोहित को वापस नहीं करेगा यानि की यस पैसा Non Refundable हैं. जिससे केदार रोहित को एक निश्चित समय देता हैं की अगर अगले 3 महीने में वो इस जमीन को खरीदना चाहे हैं तो उस जमीन को खरीद सकता हैं चाहे उस जमीन की कीमत 3 महीने बाद 5 लाख रुपया क्यों न हो जाये. इस समझौते का विवरण इस प्रकार हैं–

  • रोहित ने केदार को 50 हजार रुपया फीस के तौर पर जमा किया जो की Non Refundable हैं.
  • इस फ़ीस के बदले केदार 3 महीने बाद रोहित को जमीन बेचने के लिए तैयार हो जाता हैं.
  • 3 महीने बाद बिकने वाली जमीन की कीमत आज ही तय कर दी जाती हैं 3 लाख रुपया.
  • चूंकि रोहित ने ₹ 50000 की एक फीस दी है इसलिए उसे ये अधिकार मिलता है कि 3 महीने बाद अगर वो चाहे तो समझौता रद्द कर सकता है। लेकिन केदार ऐसा नहीं कर सकता.
  • अगर रोहित दिए गए समय पर जमीन नहीं खरीदता हैं तो केदार उस फीस को रख सकता हैं 

आप आपको क्या लगता हैं की यह एग्रीमेंट कैसा हैं. वास्तव में यह एक स्मार्ट समझौता हैं जो की इन दोनों ने लिया हैं आप अगर इस उदाहरण को समझ गए तो आप ऑप्शन ट्रेडिंग को भी समझ जायेंगे. तो निचे दिए गये विवरण को ध्यान से समझें.

  • रोहित ने 50 हजार की फ़ीस देकर केदार पर एक पाबंदी लगा दिया की अगले 3 महीने तक वह उस जमीन को किसी और को नहीं बेच सकता हैं
  • रोहित ने यह भी तय कर लिया हैं की उसे जमीन आज के ही Rate पर यानी ₹300000 पर मिलेगी. चाहे उस जमीं की कीमत 10 लाख ही क्यों न ही जाये.
  • रोहित अगर चाहे तो वह 3 महीने बाद केदार को मना कर सकता हैं लेकिन केदार को यह अधिकार नहीं हैं क्योंकि केदार ने रोहित से फीस ली हैं.

इस समझौते के बाद जमीन की कीमत ऊपर जाएगी या निचे यह इस बात पर निर्भर करता हैं की वहां पर एयरपोर्ट बनता हैं या नहीं। इसके लिए दोनों को 3 महीने इंतजार करना पड़ेगा। अब इसके बाद तीन परिणाम आ सकते हैं और वो हैं ये।

  1. एयरपोर्ट का खबर सही निकले और उस जमीन की कीमत 3 लाख से 5 लाख हो जाये।
  2. एयरपोर्ट का खबर गलत निकले और उस जमीन की कीमत 3 लाख से 1 लाख हो जाये।
  3. और तीसरा यह की दोनों में से कुछ भी नहीं हो और जमीन की कीमत 3 लाख ही रहे।

परिस्थिति 1 – कीमत ₹500000 तक ऊपर चली जाती है: अगर रोहित का अनुमान ठीक रहा और एयरपोर्ट बन गया तो उस जमीन की कीमत बढ़ जाएगी और रोहित को फायदा होगा। यानि की अभी उस जमीन की कमर 5 लाख रुपया हैं और रोहित ने उसे 3 लाख रुपया में ख़रीदा था तीन महीने पहले।

इसका मतलब यह हुआ की अभी जिस जमीन की कीमत मार्किट में 5 लाख रूपया हैं रोहित को वह जमीन मात्र 3 लाख रुपया में ही मिलेगा। निचे कुछ कैलकुलेशन हैं इसे ध्यान से समझें की रोहित ने कितने पैसे बनाये।

  • रोहित ने पहले (₹50000 फ़ीस + ₹300000 जमीन की कीमत = ₹350000 )
  • अभी उस जमीन की कीमत ₹500000 – रोहित को देना हैं ₹350000 = ₹150000 )
  • यानि की ₹150000 का रोहित को फायदा हो गया।

परिस्थिति 2– कीमत ₹100,000 तक नीचे चली जाती है: रोहित का अनुमान गलत निकला और वहां पर एयरपोर्ट नहीं बना तो इस परिस्थिति में क्या होगा, अगर ऐसा होता है तो रोहित को कितना नुकसान होगा।

रोहित ने फ़ीस के तौर पर 50000 और तय की गयी उस जमीन की कीमत 3 लाख रूपया दोनों को मिला दे तो कुल ₹350000 होगा और अभी इस जमीन की कीमत 1 लाख हो गया हैं तो इसमें रोहित को ज्यादा का नुकसान दिख रहा हैं

इसलिए चुकीं रोहित को यह अधिकार हैं की वह ये एग्रीमेंट जब चाहे उसे तोड़ सकता हैं तो वह इस अधिकार का इस्तेमाल करेगा और वह उस जमीन को नहीं खरीदेगा तो इसमें रोहित को केवल ₹50000 का नुकसान होगा जो उसने फीस के तौर पर दिया था।

परिस्थिति 3 – कीमत 300,000 पर ही रुकी रहती है: अगर किसी भी वजह से ऐसा हो जाता हैं और जमीन की कीमत नहीं बढ़ती हैं तो रोहित इस जमीन को खरीदेगा या नहीं तो रोहित इस जमीन को नहीं खरीदेगा क्योंकि रोहित को इस सौदे में कोई फायदा नहीं होने वाला हैं आइये इसे समझते हैं।

जमीन की कीमत = ₹300000, एग्रीमेंट फीस = ₹50,000, कुल ₹350,000 यानी रोहित को इतना पैसा देना हैं और जमीन की कीमत मात्र ₹300000 ही हैं तो इसे खरीदकर उसे कोई फायदा होनेवाला नहीं हैं जिसके कारन वह यह जमीन नहीं खरीदेगा।

अब आपको समझ में आ गया होगा की यह कॉन्ट्रैक्ट कैसे काम कर रहा हैं और आपको जानकर खुसी होगी की ऑप्शन ट्रेडिंग ऐसे ही काम करता हैं.

1. ऑप्शन का बुनियादी सिद्धांत

ऑप्शन का उद्देश्य खरीदार को अधिकार (Right) देना है, लेकिन इसके साथ कोई बाध्यता नहीं होती। जबकि विक्रेता (seller या writer) के लिए, यह एक दायित्व (Obligation) होता है। यह अधिकार या दायित्व किसी परिसंपत्ति (जैसे शेयर, कमोडिटी, भूमि आदि) के मूल्य में उतार-चढ़ाव के आधार पर फायदेमंद या नुकसानदायक हो सकता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में उपयोग होने वाले मुख्य सिद्धान्त

  1. Underlying Asset: वह संपत्ति जिसके मूल्य पर यह एग्रीमेंट आधारित है यानि की जमीन
  2. Premium: खरीदार को विक्रेता को एडवांस में एक निश्चित राशि (premium) देनी होती है जो की था ₹50,000
  3. Expiry dat: वह समयसीमा जिसके अंदर यह अनुबंध मान्य हैऔर वह था 3 महीने
  4. Strike Price: वह निश्चित मूल्य जिस पर खरीदार और विक्रेता का सौदा तय होता है वो था ₹300,000

अब अगर आपको विकल्प ट्रेडिंग(option trading) के बारे में कुछ समझ में आया हो तो अब ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रकार Call और Put के बारे में जान लेते हैं।

ऑप्शन कितने प्रकार का होता हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग दो तरह से किया जाता हैं पहला Call options और दूसरा Put Options. कई लोग इसे Long (CALL), Short ( PUT ) भी कहते हैं. इसे डिटेल में समझने के लिए आपको ऊपर रोहित और केदार के स्टोरी को याद रखना होगा।

1. कॉल ऑप्शन क्या होता हैं (what is call option in Hindi)

कॉल ऑप्शन (Call Option): यह खरीदार को भविष्य में किसी परि संपत्ति को खरीदने का अधिकार देता है। जैसा की हमने ऊपर दिए गए स्टोरी में जाना की रोहित को लगा की केदार के उस जमीन की कीमत बढ़ने वाली हैं, और रोहित वह जमीन एक निश्चित समय में एक निश्चित कीमत पर खरीद लिया। इसे ही call option कहा जाता हैं।

इसे इस तरीके से भी समझा जा सकता हैं की अगर मार्केट में आपका view bullish हैं तो आप call खरीद सकते हैं और put sell भी केर सकते हैं। Selling के बारे में फ़िलहाल हम बाद में जानेंगे।

2. पुट ऑप्शन क्या होता हैं (what is put option trading in Hindi)

पुट ऑप्शन (Put Option): किसी स्टॉक या एसेट को एक निश्चित प्राइस पर बेचने का अधिकार देता है। Put Option सेम Call Option का उल्टा होता हैं अगर आपका मार्किट में View Bearish है तो आप कॉल के बजाय पुट खरीदेंगे और call sell कर सकते हैं। Selling को हम बाद में cover करेंगे। अब आपको call/put समझ में आ गया होगा की यह कैसे काम करता हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है – How Option Trading works in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है - How Option Trading works in Hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे काम करती है

अगर आप ट्रेडिंग सीखना या ऑप्शन ट्रेडिंग के फील्ड में सफल होना चाहते हैं तो अपने कभी न कभी option chain के बारे में जरूर सुना होगा। option chain एक ऐसा डेटा देता हैं जहाँ से आप पता कर सकते हैं की मार्केट में क्या होने वाला हैं जैसे Support/Resistance इत्यादि। ऑप्शन चैन के मुख्य 5 भाग ये हैं इसे विस्तार से और आसान भाषा में समझते।

  • Underlying Asset: वह संपत्ति जिसके मूल्य पर यह एग्रीमेंट आधारित है यह कोई स्टॉक या कमोडिटी हो सकता हैं।
  • Premium: खरीदार को विक्रेता को एडवांस में एक निश्चित राशि (premium) देनी होती है।
  • Expiry dat: वह समय सीमा जिसके अंदर यह एग्रीमेंट मान्य है।
  • Strike Price: वह निश्चित मूल्य जिस पर खरीदार और विक्रेता का सौदा तय होता है।
  • Open Intrest: जो यह बताता हैं की इस particular strike price पर कितना contract open हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे – Advantages Of Option Trading In Hindi 

  1. Low risk investment: ट्रेडर्स को स्टॉक खरीदने की जरूरत नहीं होती, केवल प्रीमियम का भुगतान करना होता है।
  2. Leverage: कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमाने की मौका(Opportunity) देता हैं।
  3. Risk Management: ट्रेडर्स अपने पोर्टफोलियो को हेज के माध्यम से अपना रिस्क कम कर सकते हैं।
  4. Regular Income: ट्रेडर्स को Regular Income कमाने का मौका भी ऑप्शन ट्रेडिंग देता हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान –  Disadvantages Of Option Trading In Hindi 

  1. Option Is not Easy : यह ट्रेडिंग आसान नहीं है और इसमें सही ज्ञान की जरूरत होती है।
  2. Risk of loss of entire premium: अगर आपका अनुमान सही नहीं निकला तो आपका पूरा प्रीमियम डूब सकता हैं।
  3. Time Limitation: ऑप्शन की वैधता केवल एक्सपायरी डेट तक होती है और उतने ही समाये में आपका प्राइस उम्मीद के मुताबित नहीं चला तो भी आपको नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
  4. High Expectation: ऑप्शन ट्रेडिंग में लोग एक गलती और हमेशा करते हैं और वो हैं High Expectation

ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीतियाँ – Option Trading Strategies In Hindi

Option Trading Strategies In Hindi
Option Trading Strategies In Hindi

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता पाना चाहते हैं तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग रणनीति को सीखना ही पड़ेगा क्योंकि बिना Strategies के आप ऑप्शन ट्रेडिंग में ज्यादा दिन तक नही servive कर पाएंगे। ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत सारे Strategies हैं जो की इस प्रकार हैं।

  • बुल कॉल स्प्रेड (Bull Call Spread)
    • जब बाजार तेजी में हो या बुलिश हो तो यह Strategy का use कर सकते हैं।
    • एक ATM कॉल ऑप्शन खरीदें और एक OTM कॉल ऑप्शन को बेचे।
  • बेयर पुट स्प्रेड (Bear Put Spread)
    • जब बाजार में मंडी का रुख हैं या मार्किट bearish trend में हो तो यह Strategy का use कर सकते हैं।
    • एक ITM पुट ऑप्शन खरीदे और एक OTM पुट ऑप्शन को बेचे।
  • कवर कॉल (Covered Call)
    • स्टॉक होल्डिंग के साथ सुरक्षा और इनकम बढ़ाने के लिए।
    • स्टॉक के साथ एक कॉल ऑप्शन बेचें।
  • प्रोटेक्टिव पुट (Protective Put)
    • स्टॉक निवेश को नुकसान से बचाने के लिए।
    • स्टॉक के साथ पुट ऑप्शन खरीदें।
  • आयरन कोंडोर (Iron Condor)
    • यह एक Limited profit और Limited Risk वाला रणनीति हैं।
    • दो कॉल और दो पुट के कॉम्बिनेशन के साथ काम किया जाता हैं।
  • स्ट्रैडल (Straddle)
    • बाजार में High volatility के लिए यह strategy लगाया जाता हैं।
    • एक ही स्ट्राइक प्राइस पर कॉल और पुट ऑप्शन दोनों को खरीदना होता हैं।

Best Options Trading Strategies In Hindi के बारे में अगर आपको details में जानना है तो आपको ब्लॉग काफी मदद करेगा।

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करें – How to Start Option Trading in Hindi.

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग जान लिया हैं तो अब आपके मन में सवाल होगा की ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे शुरू करे। इसके लिए आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक को समझना पड़ेगा और मार्केट से हमेशा अपडेट रहना पड़ेगा। ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करने के आसान तरीका ये हैं।

  1. बाजार की समझ बनाएं: शेयर बाजार की बुनियादी समझ विकसित करें।
  2. ऑप्शन ट्रेडिंग की शिक्षा लें: डेमो अकाउंट(Paper Trading) पर प्रैक्टिस करें।
  3. सही ब्रोकर चुनें: ऐसा प्लेटफॉर्म चुनें जो कम शुल्क पर ऑप्शन ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता हो।
  4. अपने रिस्क को सीमित करें: केवल उतनी राशि निवेश करें जितनी हानि आप सह सकते हैं।
  5. मार्केट में Updated रहे: मार्किट में हमेश Updated रहे।

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए महत्वपूर्ण टिप्स – Best tips for Option Trading in Hindi

  1. ऑप्शन ट्रेडिंग से पहले रिसर्च करें।
  2. एक्सपायरी डेट को हमेशा ध्यान में रखें।
  3. हेजिंग रणनीति अपनाएं।
  4. मार्केट ट्रेंड को समझें और सही समय पर एंट्री व एग्जिट करें।
  5. अनुभवी ट्रेडर्स से सीखें।
  6. Stop Loss का सम्मान करे।
  7. अपना ट्रेडिंग जर्नल बनाये।

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखें – How to learn option trading in Hindi

option trading kaise sikhe
option trading kaise sikhe

ट्रेडिंग एक बहुत ही बड़ा subject हैं और ऐसे में बहुत से लोग सीखना चाहते हैं मगर आपको एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म की जरुरत पड़ती हैं जहाँ से आप ट्रेडिंग सिख सकते हैं। इसी के सन्दर्भ में बताने वाला हूँ की जहाँ से आप फ्री में इंट्राडे ट्रेडिंग सिख सकते हैं. ट्रेडिंग सिखने के लिए सबसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म ये रहा।

  • YouTube पर फ्री कोर्स करें
  • इंट्राडे ट्रेडिंग से सम्बंधित ब्लॉग पोस्ट पढ़े
  • Online Paid Course ख़रीदे
  • ट्रेडिंग की बुक्स पढ़ सकते हैं
  • किसी Financial Advisor से सलाह ले सकते हैं
  • Daily Live Chart देखना
  • Trading Journal बनाकर अपनी गलती से सीखना

ऑप्शन ट्रेडिंग Books PDF in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग सिखने के लिए मार्किट में बहुत सारे ऑप्शन ट्रेडिंग इन हिंदी PDF उपलबध हैं जिसमे माध्यम से आप ऑप्शन ट्रेडिंग सिख सकते हैं। यहाँ आपके लिए कुछ ऑप्शन ट्रेडिंग Books PDF in Hindi दे रहा हूँ। Download Ebook

ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है ( charges of Option Trading in Hindi )

अगर ट्रेडिंग की बात आये और चार्ज (Tax) की चर्चा न हो ऐसा हो नहीं सकता हैं क्योंकि चाहे आप ट्रेडिंग करते हो या इन्वेस्टिंग आपको कई तरीकों से टैक्स देना पड़ता हैं,तो आइये जानते हैं की हमें कितना और कौन – कौन से टैक्स देना होगा।

Charge TypeEstimated Amount
Brokerage Charges₹20–₹50 per order (discount brokers)
Securities Transaction Tax (STT)0.017% of the turnover (buy + sell price)
Goods and Services Tax (GST)18% on brokerage fees
Stamp Duty₹0.003% of the transaction value (varies by state)
SEBI Charges₹5 per ₹1 crore turnover
Exchange Transaction Fees₹5–₹10 per contract
Call/Put PremiumVaries depending on the market value and expiry

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये की ₹1,00,000 आपकी ट्रेडिंग वैल्यू हैं। तो इसमें आपको कितना टैक्स देना पड़ जायेगा यह भी देख लेते हैं।

Charge TypeEstimated Amount
Brokerage Charges₹20–₹50
Securities Transaction Tax (STT)₹170 (0.017% of ₹1,00,000)
GST on Brokerage₹3.60–₹9 (18% of ₹20–₹50 brokerage)
Stamp Duty₹0.30 (₹0.003% of ₹1,00,000)
SEBI Charges₹5 (for ₹1 crore turnover)
Exchange Transaction Fees₹5–₹10
Call/Put PremiumDepends on market price, e.g., ₹500

Total Charges: ₹1,00,000 की रकम पे call/put primium को छोड़कर Total Charges ये रहा।
₹20 + ₹170 + ₹3.60 + ₹0.30 + ₹5 + ₹5 = ₹203.90–₹233.90

FAQs

1. क्या ऑप्शन ट्रेडिंग शुरुआती निवेशकों के लिए सही है?

नहीं, यह एक एडवांस्ड टूल है और इसमें निवेश करने से पहले सही ज्ञान और अनुभव होना जरूरी है।

2. क्या ऑप्शन ट्रेडिंग से बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है?

हां, लेकिन यह पूरी तरह से आपकी रणनीति और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है।

3. क्या ऑप्शन ट्रेडिंग से नुकसान भी हो सकता है?

हां, अगर बाजार विपरीत दिशा में जाता है, तो आपका प्रीमियम डूब भी सकता है।

4. क्या हम 1000 रुपये से ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं?

नहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए आपको कम से कम 10000 रुपया होना चाहिए। हालाँकि इस पैसे से भी आप ऑप्शन ट्रेडिंग में ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएंगे।

5. क्या ऑप्शन ट्रेडिंग टैक्स फ्री है?

नहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग टैक्स फ्री नहीं हैं इसके लिए हमें बहुत सरे टैक्स देने पड़ते हैं जैसे:- Securities Transaction Tax (STT), Short-Term Capital Gains (STCG) Etc.

6. क्या ट्रेडिंग सेफ है?

ट्रेडिंग सेफ हैं या नहीं, यह पूरी तरह से आपकी समझ, अनुभव और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है। इसमें 100% गारंटी नहीं होता हैं

निष्कर्ष

Option Trading in Hindi एक बेहतरीन निवेश टूल है, लेकिन इसे समझदारी और सावधानी से इस्तेमाल करना जरूरी है। सही रणनीति और ज्ञान से आप इसमें अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। चाहे आप शुरुआती निवेशक हों या अनुभवी, ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए लगातार सीखते रहना और बाजार की गहराई से समझ बनाना बेहद जरूरी है।

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो आज ही इसकी बुनियादी जानकारी प्राप्त करें और धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ाएं। इस ब्लॉग में हमने सीखा की ऑप्शन ट्रेडिंग क्या हैं और कैसे करे,ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे इसके फायदे और नुक्सान के बारे में हमने जाना हैं।

Rohit Prajapati

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम Rohit Prajapati हैं। मुझे Stock Market से सम्बंधित चीजों के बारे में पढना और लिखना अच्छा लगता हैं। मै पिछले 3 वषो से शेयर मार्केट से जुड़े कंटेंट लिख रहा हूँ। शेयर मार्केट सबके लिए एक Wealth Creation का मौका बने यही हमारा संकल्प है।

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