IPO क्या होता है: यह एक ऐसा सवाल हैं जो सभी नए निवेशकों के मन में होता हैं तो इसी करी में आज हम जानेंगे की आईपीओ (IPO) क्या होता हैं और IPO कैसे काम करता है, IPO के फायदे और नुकसान क्या हैं, IPO से पैसा कैसे कमाएं और इसके कितने प्रकार होते हैं यह सब हम इसी ब्लॉग में जानेंगे।
जब आप शेयर मार्केट की दुनिया में आते हैं तो आपको बहुत सारे नए शब्द सुनने को मिलता हैं जैसे :- शेयर मार्केट क्या हैं, शेयर क्या होता हैं, इंट्राडे ट्रेडिंग क्या हैं, स्टॉक एक्सचेंज और आईपीओ भी तो आज हम इन्ही IPO शब्द को डिटेल में समझेंगे की यह आखिर बला क्या हैं।
IPO क्या होता है? – अर्थ, परिभाषा
IPO, जिसे हिंदी में प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश कहा जाता है, जब कोई कंपनी पहली बार अपनी शेयर पब्लिक को बेचती हैं तो उसे IPO (Initial Public Offering) कहते हैं। इससे कंपनी अपने लिए फण्ड जुटती है और निवेशकों को नए कंपनी में निवेश करने का मौका मिल जाता हैं।
IPO कैसे काम करता हैं?
अगर आपको यह जानना हैं की आईपीओ कैसे काम करता हैं तो आपको पहले ये जानना पड़ेगा की कोई कंपनी आईपीओ क्यों लाती हैं? तो चलिए इसको विस्तार से जानते हैं।
मान लीजिये की आपके पास कोई आईडिया हैं और आप उसे एक प्रोडक्ट का रूप देना चाहते हैं यानि की आप एक कंपनी बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पैसा (Fund ) की जरुरत पड़ेगी तो आप यह पैसा कहाँ से लाएंगे। आप अपना सेविंग में से लगाएंगे या लोन लेंगे लेकिन इसमें आपको एक समस्या हैं की आपको अगले महीने से ही लोन का क़िस्त भरना पड़ेगा लेकिन किसी भी कंपनी को प्रॉफिटेबल बनने में काम से काम 3 – 5 साल लग जाता हैं तो यह अच्छा आईडिया नहीं हैं लोन लेना।
अब आप क्या करोगे आप किसी ऐसे व्यक्ति के पास जाओगे जो आपके आईडिया को सुनकर आपको पैसा देगा इसको Angel Investor कहेंगे। दूसरे शब्दों में, जो व्यक्ति आपके कंपनी में कंपनी के पैसा कमाने से पहले उसमे पैसा लगाता हो उसे Angel Investor कहते हैं।
आब आपके पास पैसा भी आ गया और कंपनी अच्छी तरह से प्रॉफिट भी कमाने लगी लेकिन आपको अपनी कंपनी को और भी बढ़ाना हैं और उसके लिए और भी फण्ड चाहिए तो आप क्या करोगे इसके लिए आपको Venture Capitalist के पास जाना होगा जो आपके कंपनी के आईडिया और प्रॉफिट को देखकर उसमे पैसा लगाएंगे बदले में वह आपके कंपनी का कुछ प्रतिशत शेयर ले लेंगे इसको ही वेंचर इन्वेस्टर कहते हैं।
यानि ऐसे निवेशक जो कारोबार के शुरूआती सालों या फेज (phase) में पैसे निवेश करते हैं, उन्हें वेंचर कैपिटलिस्ट (Venture Capitalist- VC) कहा जाता है जैसे आप Shark Tank में देखे होंगे की शार्क लोग कंपनी के आईडिया और प्रॉफिट को देखकर उसमे निवेश करते हैं।
अब मान लीजिये आपको यहाँ से भी पैसा मिल गया और आपका कंपनी दिन दुगुना रात चौगुना तरक्की कर रहा हैं लेकिन आपको यहाँ भी नहीं रुकना हैं और कंपनी को इंटरनेशनल ले जाना हैं तो इसके लिए आपको और भी बहुत सारे पैसे की जरुरत होगी यह इतना पैसा होगा की कोई नहीं दे सकता है इसके लिए आपको एक ही ऑप्शन बचेगा और वह हैं IPO (Initial Public Offering).
IPO कितने प्रकार का होता हैं?
अब आपको पता चल गया होगा की IPO क्या होता है और कोई कंपनी आईपीओ क्यों लाती हैं? अब आईपीओ के प्रकार को भी जान लेते हैं की यह कितने प्रकार के होते हैं। आईपीओ मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
1. फिक्स्ड प्राइस इश्यू (Fixed Price Issue)
इस प्रकार के IPO में कंपनी पहले से ही शेयर की कीमत तय करती है। निवेशकों को इसे तय कीमत पर खरीदने का मौका मिलता है। इस तरह के IPO बहुत कम होते हैं
2. बुक बिल्डिंग इश्यू (Book building issue)
इस तरह के IPO में शेयर की कीमत एक रेंज में तय की जाती है, जैसे ₹100 – ₹120। निवेशक इस रेंज के भीतर अपनी बोली लगाते हैं और निवेशको को एक निश्चित समय दिया जाता हैं जिसके अन्दर उसे IPO में निवेश करना होता हैं। समय समाप्त होने के बाद जो उसका मार्केट में कीमत होता हैं उसे Cut-off Price कहते हैं। जैसा की शेयर की price band ₹100 – ₹120 रुपया रखा गया और इशू समाप्त होने के बाद उसका कीमत ₹115 हुआ तो यह उसका Cut-off Price कहलायेगा।
कंपनियां पब्लिक से पैसा क्यों जुटाती हैं?
कंपनियां जब बड़े स्तर पर बिज़नेस एक्सपैंशन, नए प्रोजेक्ट्स, या Debt (कर्ज़) चुकाने के लिए पूंजी की आवश्यकता महसूस करती हैं, तो वे IPO (Initial Public Offering) के जरिए सार्वजनिक बाजार से पैसे जुटाने का विकल्प चुनती हैं। IPO क्या होता है के माध्यम से कंपनी अपने शेयर पब्लिक को बेचती है, जिससे वह अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल कर सकती है। यहाँ IPO से पैसे जुटाने के फायदे और प्रक्रिया को विस्तार से समझाया गया है
कंपनी को IPO से पैसे जुटाने के फायदे
- कैपिटल जुटाना (Capital Raising): IPO के जरिए कंपनी कैपेक्स (Capital Expenditure) के लिए जरूरी फंड जुटाती है। इससे कंपनी को डेब्ट लेने की जरूरत नहीं पड़ती, और ब्याज के खर्चे से बचा जा सकता है। यह फण्ड जुटाने का एक स्मार्ट तरीका होता हैं।
- रिस्क डाइवर्सिफिकेशन (Risk Diversification): जब कंपनी के प्रमोटर अपने शेयर पब्लिक को बेचते हैं, तो वे अपने रिस्क को निवेशकों के बीच बांट लेते हैं। शेयरधारक भी कंपनी के प्रदर्शन में हिस्सेदारी और जोखिम उठाते हैं।
- Employees को Stock खरीदने का मौका: IPO के जरिए कंपनी अपने कर्मचारियों को ESOP (Employee Stock Option Plan) के तहत शेयर देती है। यह कर्मचारियों को कम कीमत पर शेयर खरीदने का अधिकार देता है। IPO के बाद शेयर के प्राइस बढ़ने से कर्मचारी मुनाफा कमा सकते हैं।
- ब्रांड वैल्यू और पब्लिक इमेज (Brand value and public image): IPO के बाद कंपनी की सार्वजनिक पहचान और ब्रांड वैल्यू बढ़ती है। पब्लिक लिस्टिंग से कंपनी की प्रतिष्ठा में सुधार होता है, जिससे उसे नए प्रोजेक्ट्स और पार्टनरशिप के मौके मिलते हैं।
IPO प्रक्रिया के मुख्य चरण (IPO Process Steps)
IPO प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। इसमें मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति से लेकर कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने तक के कई महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं। इसको निचे विस्तार से समझया गया हैं।
IPO प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है, और इसमें कई महत्वपूर्ण कदम शामिल होते हैं। सबसे पहले कंपनी Merchant Banker की नियुक्ति करती है, जिसे Lead Manager भी कहा जाता है। यह मैनेजर IPO की पूरी प्रक्रिया को संभालने में कंपनी की मदद करता है।
इसके बाद कंपनी SEBI (Securities and Exchange Board of India) के पास रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट दाखिल करती है, जिसमें कंपनी की वित्तीय स्थिति, बिजनेस मॉडल, और IPO लाने की वजह शामिल होती है। SEBI से मंजूरी मिलने के बाद, कंपनी को Draft Red Herring Prospectus (DRHP) तैयार करना होता है। DRHP में कंपनी के बिजनेस, फाइनेंशियल स्टेटमेंट, और IPO क्या होता है से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल करने की योजना का विवरण होता है।
एक बार DRHP तैयार हो जाने के बाद, कंपनी प्राइस बैंड तय करती है, जो IPO में शेयर की न्यूनतम और अधिकतम कीमत का दायरा होता है। इसके बाद कंपनी IPO क्या होता है को प्रमोट करने के लिए Marketing करती है, जिससे अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
जब निवेशक अपनी पसंद की कीमत पर बिड लगाते हैं, तो यह प्रक्रिया Book Building कहलाती है, जो सही शेयर प्राइस का निर्धारण करने में मदद करती है। आखिर में, Listing Day पर कंपनी का शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होता है, और उसी दिन से निवेशकों के लिए ट्रेडिंग की शुरुआत होती है। यह पूरी प्रक्रिया IPO को सफलतापूर्वक लॉन्च करने और निवेशकों से जुड़ने के लिए जरूरी है।
IPO से जुड़े खास शब्द (Key IPO Terms)
IPO प्रक्रिया को जानने के लिए कुछ जरूरी शब्दावली(Words) इस प्रकार हैं जो आपको समझने में और आसान होगा।
- Issue size: कंपनी जितना पैसा पब्लिक से उठाना चाहती हैं उसे IPO का इशू साइज कहते हैं।
- Under Subscription: जब IPO के लिए कम बिड्स मिलें, यानी शेयर डिमांड से कम हों।
- Over Subscription: जब IPO के लिए जरूरत से ज्यादा बिड्स मिलें।
- Price Band: शेयर की न्यूनतम और अधिकतम कीमत का दायरा।
- Cut-off Price: बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के बाद तय अंतिम शेयर प्राइस को Cut-off Price कहते हैं
- Fixed Price IPO: जब कंपनी शेयर के लिए एक फिक्स प्राइस तय करके IPO लॉन्च करती है।
- Book Building Process: बिड्स के आधार पर शेयर प्राइस का पता लगाना।
IPO लॉन्च करने के बाद क्या होता है?
IPO लॉन्च होने के बाद, जब तक सब्सक्रिप्शन खुला रहता है, निवेशक बिड लगाते हैं। इस चरण को Primary Market कहा जाता है। जैसे ही IPO बंद होता है और शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाते हैं, फिर उन्हें कोई भी शेयर मार्केट में खरीद या बेच सकता है तो इसे Secondary Market कहते हैं।
IPO के फायदे और नुकसान (Benefits and Risks of IPO in Hindi )
IPO क्या होता है ये तो आपको पता चल ही गया होगा अब जानते हैं की आईपीओ के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं
फायदे (Benefits) | नुकसान (Risks) |
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1. उच्च रिटर्न की संभावना (High Return Potential) | 1. बाजार जोखिम (Market Risk) |
IPO में निवेश से लंबी अवधि में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। | शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से नुकसान हो सकता है। |
2. नई कंपनियों में निवेश (Opportunity in New Companies) | 2. अत्यधिक मूल्यांकन (Overvaluation) |
IPO में आपको नई और उभरती कंपनियों में शुरुआती निवेश का मौका मिलता है। | कुछ कंपनियों का मूल्यांकन असल से ज्यादा हो सकता है। |
3. शेयर बेचने में आसानी (Liquidity) | 3. लाभांश की गारंटी नहीं (No Guaranteed Dividend) |
लिस्टिंग के बाद शेयरों को कभी भी बाजार में बेचा जा सकता है। | IPO में निवेश के बाद तुरंत मुनाफा या लाभांश की गारंटी नहीं। |
4. टैक्स लाभ (Tax Benefits) | 4. शेयर आवंटन न होना (No Share Allocation) |
लंबी अवधि में निवेश करने पर टैक्स बचाया जा सकता है। | ज्यादा डिमांड के कारण आपको शेयर आवंटित नहीं हो सकते। |
5. कंपनी की ग्रोथ में हिस्सेदारी (Be Part of Company Growth) | 5. कंपनी विफल हो सकती है (Company Failure) |
निवेशक कंपनी की सफलता में भागीदार बनते हैं। | अगर कंपनी विफल होती है, तो नुकसान हो सकता है। |
IPO में निवेश कैसे करें? How to Invest in IPO in Hindi
अभी तक हमने जान हैं की IPO क्या होता हैं या IPO क्या हैं और यह कैसे काम करता हैं अब हम जानेगे की IPO में निवेश कैसे करे। आज के डिजिटल युग में IPO में निवेश करना बेहद आसान हो गया है। इसके लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे
- डीमैट खाता खोलें: IPO में निवेश करने के लिए सबसे पहले आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना चाहिए।
- ब्रोकर चुनें: ऐसे ब्रोकर चुनें जो IPO आवेदन की सुविधा प्रदान करते हैं जैसे:- Zerodha, Groww, और Upstox जैसे प्लेटफॉर्म इसके लिए लोकप्रिय हैं।
- प्रॉस्पेक्टस पढ़ें: कंपनी के प्रॉस्पेक्टस को ध्यान से पढ़ें। इसमें कंपनी की वित्तीय स्थिति, उद्देश्य, और जोखिमों की जानकारी होती है।
- IPO आवेदन करें: अपने ब्रोकर प्लेटफॉर्म के जरिए IPO में आवेदन करें। UPI के जरिए भुगतान करें और आवेदन को सबमिट करें।
- आवंटन प्रक्रिया समझें: IPO आवंटन प्रक्रिया के तहत, कंपनी निवेशकों को शेयर आवंटित करती है। अगर आपकी सही होती है, तो आपको शेयर मिलते हैं नहीं तो नहीं।
- लिस्टिंग का इंतजार करें: IPO लिस्टिंग के दिन कंपनी का शेयर स्टॉक मार्केट में ट्रेड होना शुरू करता है। इस दिन शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना रहती है।
IPO में निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
- बाजार की स्थिति समझें: IPO लॉन्च के समय बाजार की स्थिति को समझना जरूरी है।
- कंपनी की रिसर्च करें: IPO में निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, प्रबंधन, और ग्रोथ पोटेंशियल का अध्ययन करें।
- प्रॉस्पेक्टस पढ़ें: कंपनी का रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) पढ़ें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश करें: IPO में निवेश लंबी अवधि के दृष्टिकोण से करना फायदेमंद हो सकता है।
FAQs
IPO कैसे अलॉट होता हैं
आईपीओ के लिए आपको एक प्राइस रेंज के अंदर बोली लगानी होती हैं और आपका बोली अगर सही रहा तो आपको IPO अलॉट होगा नहीं तो नहीं होगा।
IPO से पैसा कैसे कमाएं
IPO से पैसा कमाने के लिए आपको IPO Apply करना होता हैं और अगर आपको आईपीओ मिल गया और Secondary Market में उसका कीमत बढ़ गया तो आप इससे पैसा कमा सकते हैं।
IPO कब बेच सकते हैं?
जब आईपीओ का Issue Time समाप्त हो जाता हैं और कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो जाता हैं तो आप अपना शेयर बेच सकते हैं जो IPO में मिला होता हैं
निष्कर्ष
इस ब्लॉग में हमने जाना की IPO क्या होता हैं और यह कैसे काम करता हैं, IPO के फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं और IPO में निवेश कैसे करें? साथ ही हमने जाना हैं की आईपीओ कोई कंपनी क्यों लाती हैं। अगर आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा हो या आपका कोई सुझाव हो तो आप कमेंट करेके हमें बता सकते हैं।